Comments (17)
18 Jul 2022 11:29 PM
बहोत ही उम्दा है शानदार कलम
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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19 Jul 2022 12:10 AM
धन्यवाद
18 Jul 2022 11:17 PM
Very nice
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
18 Jul 2022 11:22 PM
शुभाशीष
18 Jul 2022 11:17 PM
Mind blowing
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
18 Jul 2022 11:21 PM
प्रसन्न रहो
18 Jul 2022 11:17 PM
Outstanding
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
18 Jul 2022 11:21 PM
आशीर्वाद
18 Jul 2022 11:17 PM
Adhhut
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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18 Jul 2022 11:21 PM
धन्यवाद पुत्री
18 Jul 2022 09:45 PM
कभी कभी आंखे नम होकर,
बाहर हंसती दिखती है।
कभी कभी प्रसंसा में भी,
भीतर बातें चुभती है।।
फिर कभी कभी झूठे पाखंडों से,
भीतर आत्मा दुःखती है।
फिर जब पीड़ा सीमा पार कर,
एक कवि की स्याही लिखती है।।
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
18 Jul 2022 09:50 PM
साधुवाद
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
18 Jul 2022 09:50 PM
आशीर्वाद
Vaaahhh
धन्यवाद