Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (2)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
11 Jan 2023 07:57 PM

बेतर्तिब सी जिंदगी के उलझनों को अपना आसियाना बना कर बैठा गया …..
जाने क्या ऐसा खत्ता हो गया मुझसे जो मेरा हम दर्द हीं मुझसे रूठ गया……
पल -पल कर गुजरता है हर पल..
कभी गुजरे कल मे हुआ करते थे हम खुशियों मे उन्मादी..
आज बन गए गम के आदि….
( गम्मो के गुलिस्तां से )

11 Jan 2023 10:01 PM

बहुत खूब……. शुक्रिया…..!!! जी…..!!!!🙏😊

Loading...