Comments (6)
4 Jul 2022 02:08 PM
इस गझल का हर शेर अपने आप में एक पूरी दास्ताँ है। वह भाई यूँही ताज नाम नही आपका
Taj Mohammad
Author
4 Jul 2022 04:19 PM
आप ऐसा समझते है क्योंकि आप खुद बहुत उम्दा लिखते है। शुक्रिया
बहुत सुंदर है यह गजल।
हा मैं भी यही कहनेवाला था कुछ देर पहले मैं टॉप पे था सुबह अनामिका जी थी
लेकिन मैं बहुत ही जल्द ये सब छोड़ने वाला हूं। पर ये सफ़र हमेशा याद रहेगा जीवन भर। मैं कह सकता हूं कि मैंने लिखने का आत्मा से आनंद उठाया। मैं managment का स्टूडेंट रहा हूं केवल october 2021 से ही लिखना सीख रहा था और मैं आप लोगो को अपना गुरु मानता हूं क्योंकि आप लोगों की सकारात्मक समीक्षाओं ने मुझे लिखने में बड़ी मदद की। ह्रदय से आप लोगों का सदा आभारी रहूंगा।