Comments (4)
29 Jun 2022 10:41 AM
नहीं झांकता अंतस में अपने, बाहर ताकता रहता है।बहुत सुंदर वर्णन और सत्य वचन।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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30 Jun 2022 12:32 PM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद आपका
सत्य की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति🙏
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद