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Comments (11)

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जय हो!

मैं हूं मित्र , यह दुखड़ा सुनने को तैयार;

मगर , आगे से रहें आप सदा होशियार।

जग में, सबसे प्यारा होता निज परिवार;

सब साथ रहें, व करें हर अपनों से प्यार।

20 Jul 2022 04:30 PM

बहुत ही सुंदर हास्य व्यंग्य रचना।

अति उत्तम

हार्दिक आभार

26 Jun 2022 01:10 PM

रुचिपूर्ण

वाह! हास्य-व्यंग्य का सुंदर चित्रण है छोटा-सा परिवार।

हार्दिक आभार

26 Jun 2022 08:00 AM

हास्य-व्यंग्य के रूप में सुन्दर रचना पर हकीकत ऐसा नहीं….

सच्चाई बता देने के लिए आभार

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