Comments (8)
26 Jun 2022 10:57 AM
बहुत ही सुंदर गजल।
'अशांत' शेखर
Author
26 Jun 2022 11:11 AM
बहोत बहोत आभार शुक्रिया धन्यवाद
26 Jun 2022 01:45 AM
ये है जबरजस्त ग़ज़ल। बहुत खुब आपका का मैं तगड़ा वाला फैन बन गया हूं। बहुत ही उम्दा। अंदाज ही जुदा है।
26 Jun 2022 09:41 AM
अरे नही जनाब हम तो बस 5 या 6 महिनों से ही लिखने लगे है बस ऐसे ही उर्दू भी नही आती गिने चुने अल्फाज़ दोहराते रहते है। बस यहीं आता है।
'अशांत' शेखर
Author
26 Jun 2022 10:19 AM
भाई जूनून में आग पढ़ो
बहुत खूब
धन्यवाद जी