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Comments (47)

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9 Dec 2022 10:31 AM

बहुत ही हृदय मार्मिक कविता ,
अति उत्तम

Heart touching ….

आप सब महान कलमकारों
का सुंदर विचारो और उत्साह वर्धन हेतु दिल से आभार

20 Jun 2022 12:05 AM

बहुत सुन्दर… रचना

बहुत बहुत धन्यवाद

19 Jun 2022 07:48 PM

बहुत सुंदर सृजन

बहुत बहुत आभार

अच्छा है

बहुत शुक्रिया

19 Jun 2022 02:04 PM

भावपूर्ण अभिव्यक्ति

बहुत बहुत आभार

19 Jun 2022 10:05 AM

बहुत सुंदर प्रस्तुति संदीप सागर, धन्यवाद आपका जी

बहुत बहुत आभार

19 Jun 2022 08:45 AM

बहुत सुंदर रचना

बहुत बहुत आभार

19 Jun 2022 08:30 AM

बहुत सुन्दर रचना

बहुत बहुत धन्यवाद

18 Jun 2022 11:57 PM

पिता को समर्पित यह रचना निश्चय ही उस महामानव की कल्पना है जिसे उसका पुत्र अपने कल्पना के संसार में बसाए रखता है! वह अपने पिता को दुनिया में सबसे अधिक सामर्थ्य वान समझते हुए हर तरह की उम्मीद/फरियाद लेकर उसके निराकरण की आशा रखता है!

बहुत बहुत आभार

अति सुन्दर, भावपूर्ण रचना।

बहुत शुक्रिया

बहुत सुंदर रचना ।

बहुत बहुत आभार

18 Jun 2022 08:44 AM

जब जाना ही था तो चुपके से यह राज मुझे बतला देते
दुनियादारी की समझ जरा कुछ तो मुझ को सिखला देते । बहुत ही मार्मिक भाव।

बहुत बहुत आभार

वाह बहुत खूब

बहुत बहुत आभार

17 Jun 2022 06:56 PM

अति सुन्दर प्रस्तुति..!

बहुत बहुत आभार

17 Jun 2022 06:39 PM

अति भावपूर्ण कृति ।

बहुत बहुत आभार

बहोत सूंदर रचना

17 Jun 2022 02:47 PM

उत्तम

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