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वन्दनीय ..भावपूर्ण .. सार्थक सृजन .. आदरणीया
— “पिता” विषय पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें ।
कविता पर पहुंचकर प्रथम उसे भावपूर्ण होकर जरूर पढ़े, तद्नुरूप like & comment करें ।

4 Jun 2022 09:41 AM

बहुत ही सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे

बेहद ख़ूबसूरत कविता है, डा0 मीनू जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।

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