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Comments (6)

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5 Jun 2022 06:17 PM

बहुत खुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढ़कर कृतार्थ करें।

5 Jun 2022 08:54 PM

में पढ चुकी हूं विनोद जी बेटी और पिता के सम्बन्धों को दर्शाती भावपूर्ण प्रस्तुति । आपको Like व comment भी send किए हैं।
साभार धन्यवाद |

5 Jun 2022 09:24 AM

बहुत अच्छी रचना मैम मुझे भी अपना आशीर्वाद दे

5 Jun 2022 09:49 AM

साभार धन्यवाद। अवश्य ही ।

अति सुन्दर रचना। अर्थ, स्वार्थ में घिरे संबंधों एवं उससे आहत समर्पित मन के दर्द का सुंदर चित्रण…

4 Jun 2022 10:46 PM

साभार धन्यवाद ।

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