Comments (2)
5 Jun 2022 02:58 PM
वन्दनीय सृजन … भावपूर्ण … सुंदर कृति …आपका लेखन सराहनीय है । आदरणीय … पिता शीर्षक पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें।
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सारे जहां का दर्द मेरे जिगर में है।
इस दर्द को हर कोई अवश्य महसूस कर रहा होगा उत्तम कृति