Comments (6)
21 Jun 2022 04:13 PM
अति सुन्दर भावपूर्ण रचना
Taj Mohammad
Author
21 Jun 2022 04:43 PM
साहृदय धन्यवाद।
28 May 2022 08:22 PM
गाँव की रूपरेखा हम ही बदलते हैं
इसके जिम्मेदार हम ही हैं
जो की गाँव को शहर बनाते हैं।
Taj Mohammad
Author
28 May 2022 11:19 PM
जी बिल्कुल।
ये है अस्सल ताजभाई की अंदर सुलगता शायर एक सवेंदनशील कवी
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।