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यथार्थ|मेरी रचना पिता पढकर कृतार्थ करें|
बहुत ही सुन्दर रचना है, वास्तव में हम सदा मजदूरों की उपेक्षा करते हैं।
यथार्थ|मेरी रचना पिता पढकर कृतार्थ करें|