Comments (3)
31 May 2022 01:14 PM
बहुत खुबसूरत रचना।
कृपा मेरा गुरूर है पिता रचना पढकर कृतार्थ करें।
23 May 2022 09:13 AM
बेहतरीन कविता, Usha ji. ।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।
बहुत सुंदर रचना।अति उत्तम भाव।