Comments (5)
21 Oct 2022 09:35 AM
बिल्कुल सत्य ।
Manisha Manjari
Author
21 Oct 2022 10:41 AM
बहुत बहुत धन्यवाद सरस्वती जी🙏🙏🙏
9 Jun 2022 11:42 PM
बहोत ही खास अतुलनीय रचना pain with pen
Manisha Manjari
Author
16 Jun 2022 08:50 AM
जी धन्यवाद
ये बच्चे जो फ़्लैटों में रहने लगे,
तन्हाई में डिजिटल मीडिया में बहने लगे,
क्या जाने दादा चाचा ताऊ ताई के तराने,
वो अजनबियों में अपने ढूँढने लगे,
अपनों से अजनबियों जैसे मिलने लगे