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20 Jun 2022 08:40 AM
आप धन्य है आदरणीय आप को सादर प्रणाम जी
20 Jun 2022 08:40 AM
कितना बाकी है अभी,यही नहीं था ज्ञान।
मैं तो थोड़ा जान कर,करता था अभिमान।।
आप धन्य है आदरणीय आप को सादर प्रणाम जी
कितना बाकी है अभी,यही नहीं था ज्ञान।
मैं तो थोड़ा जान कर,करता था अभिमान।।
दोहे में ही व्यक्त है, दोहा लेखन सार।
दिया आपने तो यहाँ, रचने का आधार ॥
तभी बढ़ेगी छंद में , लेखन रुचि सब ओर।
ज्ञान आपका है प्रचुर ,नमन आपको मोर॥