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Comments (6)

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17 May 2022 02:03 PM

आपसे एक गुज़ारिश है कि मेरी कविता वो कोई और नहीं पिता है और पिता रूप एक, स्वरूप अनेक पर अपनी प्रतिक्रिया और आशीर्वाद प्रदान करें

23 May 2022 01:56 PM

जी बिलकुल

17 May 2022 02:01 PM

आपको और आपके जज्बे दोनों को मेरा सलाम।जय हिन्द

23 May 2022 01:56 PM

बहुत बहुत शुक्रिया। जय हिन्द

सराहनीय सृजन आदरणीय….
मेरी कविता “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” पर पहुंचकर अपनी समालोचनात्मक प्रतिक्रिया के रूप में Like व Comment कर मेरा हौसलाफजाई करें ।

पुनः सार्थक सृजन हेतु आभार ….!!

23 May 2022 01:55 PM

जी बिलकुल।

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