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1 Jun 2022 11:22 PM

बहुत खुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढकर कृतार्थ करें।

बेहद ख़ूबसूरत रचना है,द्विवेदी जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।

14 May 2022 10:31 AM

धन्यवाद भाईसाहब। अवश्य देखता हूँ

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