Comments (4)
5 Jun 2022 10:56 AM
बहुत खुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढ़कर कृतार्थ करें।
10 May 2022 10:08 PM
उम्दा ..
आला-तरीन
10 May 2022 09:10 PM
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल है। तारीफ के लिए अल्फाज़ ही नहीं है। लाज़वाब शानदार जितना कहूं कम है।
बहोत ही शानदार,उम्दा कलम है आपकी