Comments (6)
16 Jun 2022 06:04 AM
बहुत अच्छा संतोषी ji, कृपया हमारी रचना “बस पिता ही कह दो ” का भी अवलोकन करने का कष्ट करें। सादर नमन।
26 May 2022 03:47 PM
बहुत ही सुंदर रचना।
16 May 2022 11:39 PM
बहुत ही सुन्दर सृजन है। मेरी कविता वो कोई और नहीं पिता है और पिता रूप एक, स्वरूप अनेक पर अपना आशीर्वाद और आशीष प्रदान करें
10 May 2022 01:13 PM
उत्तम सृजन,Santoshi ji।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।
7 May 2022 06:47 PM
अति सुंदर मनोभाव आपके संतोषी देवी जी , कृपया हमारी रचना ” पिता – नीम की छाँव सा ” का अप्लीकें कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करे !
वाह, एकदम , रियल