Comments (5)
4 May 2022 12:37 PM
गुलाब तो आप भी हैं महोदय इतनी सुन्दर कविता रच रहें हैं धन्यवाद
Ram Krishan Rastogi
Author
5 May 2022 12:28 AM
धन्यवाद शशि जी
Ram Krishan Rastogi
Author
3 May 2022 08:57 PM
इस गज़ल के माध्यम से यह कहना चाहता हूं कि आप बुरे के लिए बुरे बने और अच्छे के लिए अच्छे।
La-zavab
धन्यवाद जी