Comments (9)
19 May 2022 09:45 AM
अति उत्तम रचना
अवध किशोर 'अवधू'
Author
19 May 2022 12:06 PM
हार्दिक आभार सर
18 May 2022 03:01 PM
बेहद सुंदर कविता। एकदम शाश्वत से साक्षात।जय हो आपकी। मेरी भी कविता वो कोई और नहीं पिता है और पिता रूप एक स्वरूप अनेक पर अपना आशीर्वाद और आशीष प्रदान करने की कृपा करें
अवध किशोर 'अवधू'
Author
18 May 2022 09:25 PM
हार्दिक धन्यवाद सर
17 May 2022 07:39 PM
बेहतरीन रचना
अवध किशोर 'अवधू'
Author
17 May 2022 09:38 PM
हार्दिक धन्यवाद
17 May 2022 03:22 PM
बेहद ख़ूबसूरत रचना है अवधू जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।
अवध किशोर 'अवधू'
Author
17 May 2022 09:37 PM
हार्दिक धन्यवाद
बहुत खुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढकर कृतार्थ करें।