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मैंने पापा को ही पाया है हर दुख-सुख में, अपने पास हर घड़ी।बहुत ही सुंदर शब्दों को गढा है आपने।अति सुन्दर।
सुन्दर रचना।मेरी रचना पिता की याद पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे।
मैंने पापा को ही पाया है हर दुख-सुख में, अपने पास हर घड़ी।बहुत ही सुंदर शब्दों को गढा है आपने।अति सुन्दर।