Comments (4)
5 Jul 2022 09:08 AM
जन्म से अंतिम सफर तक बांस के चावल….।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
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6 Jul 2022 03:42 PM
सादर धन्यवाद
बहुत सुंदर बांस का वर्णन धन्यवाद, गोरखपुरी जी? बहुत सुंदर कविता
सादर धन्यवाद आदरणीय 🙏