Comments (9)
14 May 2022 02:11 PM
बेहतरीन कविता,Manoj जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।
11 May 2022 07:40 PM
सुंदर कविता
10 May 2022 01:41 PM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
4 May 2022 07:50 AM
आदरणीय श्री पिता विषय पर आप द्वारा रचित अति सुंदर सृजन हेतु हार्दिक बधाई! मेरी रचना ‘पितृ वंदना’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।
3 May 2022 03:17 PM
पिता विषय पर आपकी अति सुंदर हेतु बहुत बहुत बधाई! मेरी रचना ‘कर्ज भरना पिता का न आसान है’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।
23 Apr 2022 04:28 PM
“सिर पर छाँव पिता की,कच्ची दीवारों पे छप्पर..” अति सुन्दर काव्य रचना जी।
बहुत उम्दा।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढकर कृतार्थ करें।