वन्दनीय सृजन … भावपूर्ण … सुंदर कृति …आपका लेखन सराहनीय है । आदरणीया … उक्त शीर्षक पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें।
रचना पर पहुंच कर like & comment करें ।
धन्यवाद
बहुत ही सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे
क्या खूब कहा है आपने साहेब,, लाजवाब
धन्यवाद
एक पुत्री की अंतस्थ व्यथा की भावपूर्ण संदेशयुक्त अभिव्यक्ति !
धन्यवाद !
Dhanyawad
पिता विषय पर आपकी अति सुंदर हेतु बहुत बहुत बधाई! मेरी रचना ‘कर्ज भरना पिता का न आसान है’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।
अति सुंदर रचना आपकी मान्यवर, कृपया मेरी रचना शीर्षक ” पिता – नीम की छाँव सा ” को नजर कर अपने विचार साझा करें , धन्यवाद आपका।
❤❤❤❤❤
बहुत सुंदर गुप्ता जी
Thanks
Its a very very beautiful poem ❤❤
Shukriya❤
“कुछ कहना है” अति सुन्दर काव्य रचना जी।
Dhanyawad
अति सुंदर
शुक्रिया