वन्दनीय ..भावपूर्ण .. सार्थक सृजन .. आदरणीय
— “पिता” विषय पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें ।
कविता पर पहुंचकर प्रथम उसे भावपूर्ण होकर जरूर पढ़े, तद्नुरूप like & comment करें ।
वन्दनीय सृजन … भावपूर्ण … सुंदर कृति …आपका लेखन सराहनीय है । आदरणीय … उक्त शीर्षक पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें।
रचना पर पहुंच कर like & comment करें ।
बहुत खुबसूरत रचना।
कृपा “मेरा गुरूर है पिता” रचना पढकर कृतार्थ करें।
अति सुंदर सृजन ….कृपया मेरी रचना ‘ पिता नीम की छाँव सा ‘ को भी लाइक कमेंट करने का कष्ट करे
बहुत सुंदर भाई यश बर्धन।आपने सच में गा दिया की पापा ही तो हमारे जीवन का आधार है।बहुत शानदार रचना ऐसे ही रचनाएं करते रहे।।।
बेहद ख़ूबसूरत रचना है ,यशवर्द्धन जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।
बहुत सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे