You must be logged in to post comments.
पिशाच का भी धर्म होता होगा पर ये नर पिशाच की तुलना ना पशु से की जा सकती है, ना किसी हैवान से और ना किसी शैतान से। वह तो वहशी दरिन्दा होता है। । रचना में इंसानियत के पतन के पीड़ा को दिखाया गया है।
पिशाच का भी धर्म होता होगा पर ये नर पिशाच की तुलना ना पशु से की जा सकती है, ना किसी हैवान से और ना किसी शैतान से। वह तो वहशी दरिन्दा होता है। । रचना में इंसानियत के पतन के पीड़ा को दिखाया गया है।