Comments (9)
25 Mar 2022 03:25 PM
बहुत सुंदर रचना
Ram Krishan Rastogi
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25 Mar 2022 08:06 PM
धन्यवाद हेमंत जी
25 Mar 2022 10:29 AM
बहुत खूब ! हमेशा पत्नियों पर ही लिखोगे या कभी हठीले पतियों पर भी कुछ फरमाओ भाई साहब !
Ram Krishan Rastogi
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25 Mar 2022 12:06 PM
अब आपने आदेश दिया है तो अब हठीले पतियो पर भी लिख देते है। वैसे पतियों पर भी लिख चुका हूं। जैसे ,
तुम सारे दिन सोते रहते हो,कुंभकर्ण की तरह प्रिय,
मै सारे दिन घर का काम करती हू,फिर भी न थकती प्रिय।
25 Mar 2022 10:08 AM
जय हो कविराज दोनों दिखते बहुत सरल हैं लेकिन हाथ नहीं आते.
Ram Krishan Rastogi
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25 Mar 2022 11:59 AM
आपने भी सही फरमाया।इन दोनो से भगवान ही बचाए।
Ram Krishan Rastogi
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25 Mar 2022 09:43 AM
ये आजकल के जीवन की वास्तविकता है।आप इस पर क्या कहना चाहेंगे।
बहुत उम्दा।
हृदय से आभार