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मेरा ज़िक्र आया खूब है
—महावीर उत्तरांचली /

आपकी बातों में मेरा, ज़िक्र आया खूब है /
खुशनुमा रातों में मेरा, ज़िक्र आया खूब है /
इश्क़ का दस्तूर था ये, जीत हो या हार हो /
खेल की घातों में मेरा, ज़िक्र आया खूब है /
•••
आपकी आहों में मेरा, ज़िक्र आया खूब है /
प्यार की राहों में मेरा, ज़िक्र आया खूब है /
खुशनुमा ये पल न बीतें, यार तुम वादा करो /
हुस्न की बाहों में, मेरा ज़िक्र आया खूब है /
•••
भटकते गाँवों में, मेरा ज़िक्र आया खूब है /
पेड़ की छाँवों में, मेरा ज़िक्र आया खूब है /
उम्रभर पाई न मंज़िल, क्या कहूँ ऐ यार मैं /
यूँ थके पाँवों में, मेरा ज़िक्र आया खूब है /
•••

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