*****अंधे लोग**** अंधे लोग / बिष्टी भीग रही है / वह कहाँ नहीं सोच सकता? / आप सब देख रहे हैं / लेकिन आसान नहीं? / मेरी कोई आँख नहीं है / मैं एक अंधा आदमी हूँ / आपके पास आंखें हैं / क्या तुम नहीं देख सकते? / लोग अपने स्वार्थ के लिए अंधे हैं / लोग लोगों को नहीं देखना चाहते हैं? / मदद की बहुत जरूरत पड़ेगी / लेकिन लोग इसे आसान नहीं बनाना चाहते हैं? / देखिए, लोग लोगों को भूल गए हैं / पैसे के लिए सब अंधे हैं? / किसान कहते हैं खुद सोचो / हम मानवीय कहानियों को भूलने के लिए अंधे क्यों हैं? / कवि- डॉ कृष्ण कुमार रॉय / khob bhalo kovita likhe tumi….
*****अंधे लोग**** अंधे लोग / बिष्टी भीग रही है / वह कहाँ नहीं सोच सकता? / आप सब देख रहे हैं / लेकिन आसान नहीं? / मेरी कोई आँख नहीं है / मैं एक अंधा आदमी हूँ / आपके पास आंखें हैं / क्या तुम नहीं देख सकते? / लोग अपने स्वार्थ के लिए अंधे हैं / लोग लोगों को नहीं देखना चाहते हैं? / मदद की बहुत जरूरत पड़ेगी / लेकिन लोग इसे आसान नहीं बनाना चाहते हैं? / देखिए, लोग लोगों को भूल गए हैं / पैसे के लिए सब अंधे हैं? / किसान कहते हैं खुद सोचो / हम मानवीय कहानियों को भूलने के लिए अंधे क्यों हैं? / कवि- डॉ कृष्ण कुमार रॉय / khob bhalo kovita likhe tumi….
ok
आपनी आमार बांगला लेखा हिंदी ट्रांसलेट कोरते पारबेन..धोनोबाद जानाई..