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माया जी आप विशुद्ध कवि हैं। आपकी समस्त रचनाओं को पढ़कर अहसास हुआ छन्द, भाव व गहराई क्या होती है। बहुत खूब! लिखते रहिये।
माया जी आप विशुद्ध कवि हैं। आपकी समस्त रचनाओं को पढ़कर अहसास हुआ छन्द, भाव व गहराई क्या होती है। बहुत खूब! लिखते रहिये।