आदरणीय महानुभाव जी को सादर प्रणाम, आपके द्वारा प्रेषित प्रस्तुत संस्मरण में हमारें भारतीय संस्कृति और अच्छे संस्कार तथा मानवता का दृश्य स्पष्टतः देखनें को मिल रहा है।
आप ही की तरह एक घटना कुछ वर्ष पूर्व हमें रेलवे स्टेशन के पास देखने को मिला एक बुजुर्ग व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा बढ़ने से वे जमीन पर गिर पड़े सहसा हमारी नजर उन पर पड़ा हमनें युक्ति से उनके वक्ष को पम्पिंग करना (दबाना) शुरू किया अतः कुछ समय बाद उन्हें कुछ राहत मिला और वे उठ खड़े हुए उन्होंने हमें दिल से धन्यवाद् आशीष देते हुए अपने मार्ग पर चल पड़े।
आदरणीय महानुभाव जी को सादर प्रणाम, आपके द्वारा प्रेषित प्रस्तुत संस्मरण में हमारें भारतीय संस्कृति और अच्छे संस्कार तथा मानवता का दृश्य स्पष्टतः देखनें को मिल रहा है।
आप ही की तरह एक घटना कुछ वर्ष पूर्व हमें रेलवे स्टेशन के पास देखने को मिला एक बुजुर्ग व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा बढ़ने से वे जमीन पर गिर पड़े सहसा हमारी नजर उन पर पड़ा हमनें युक्ति से उनके वक्ष को पम्पिंग करना (दबाना) शुरू किया अतः कुछ समय बाद उन्हें कुछ राहत मिला और वे उठ खड़े हुए उन्होंने हमें दिल से धन्यवाद् आशीष देते हुए अपने मार्ग पर चल पड़े।
आपके इस प्रयास के लिए आपको भी कोटि कोटि धन्यवाद जी