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12 Mar 2022 06:10 PM

उत्तम सृजन।
दो पंक्तियां मेरी भी..”बेबस जीवन, शोर सी सांसे, घाव जिगर का ताजी है।
बिन तेरे जीना मुश्किल था, जितना कल था आज भी है।

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