Comments (4)
6 Mar 2022 06:06 AM
समर्पण की अतिशयोक्तिपूर्ण रचना, राजेश व्यास जी
Rajesh vyas
Author
6 Mar 2022 10:51 AM
अतिशयोक्ति कहो अन्योक्ति कहो पर यह यही है मेरे मन की युक्ति।।
प्रणाम आदरणीय ???
अति उत्तम
???