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4 Mar 2022 04:39 PM

बहुत बढिय़ा। उत्तरोत्तर कविता निखर रही है।

2 Mar 2022 09:15 PM

इश्क की गहराई सिर्फ इतनी सी है -“ख़ुदा से मांग लाए थे चार दिन दो मिलन की उम्मीद में कट गए और दो जुदाई में।”

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