You must be logged in to post comments.
ज़िंदगानी के जितने पल मयस्सर हैं, ज़िंदादिली से गुज़ार लो, न जाने कौन सा अगला पल मौत की अमानत हो , श़ुक्रिया !
ज़िंदगानी के जितने पल मयस्सर हैं,
ज़िंदादिली से गुज़ार लो, न जाने कौन सा अगला पल मौत की अमानत हो ,
श़ुक्रिया !