दोहरे मापदंड वाली प्रज्ञाहीन शासन व्यवस्था का खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। केवल ऊंची ऊंची बातों से देश की जनता को भुलावे में रखकर राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध नहीं किया सकता है। महामारी से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति एवं संसाधन जुटाने के स्थान पर देश की करदाता जनता से वसूल किये धन का अपव्यय राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित कार्यकलापों में किया गया है। लघु व्यापारी मजदूर एवं किसान बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था की मार झेल रहे हैं। वित्तीय संस्थानों एवं बैंकों की दशा अनउत्पादक अस्तियों के कारण शोचनीय स्थिति में पहुंच गई है। बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार एवं अराजकता चरम सीमा पर है। अच्छे दिन के भुलावे में बुरे दिन देखने पड़ रहे हैं।
जब तक राजनीति से हटकर देश की जनता के कल्याण के विषय में मनन नहीं किया जाएगा तब तक स्थिति में सुधार की संभावना नहीं है।
धन्यवाद !
दोहरे मापदंड वाली प्रज्ञाहीन शासन व्यवस्था का खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। केवल ऊंची ऊंची बातों से देश की जनता को भुलावे में रखकर राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध नहीं किया सकता है। महामारी से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति एवं संसाधन जुटाने के स्थान पर देश की करदाता जनता से वसूल किये धन का अपव्यय राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित कार्यकलापों में किया गया है। लघु व्यापारी मजदूर एवं किसान बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था की मार झेल रहे हैं। वित्तीय संस्थानों एवं बैंकों की दशा अनउत्पादक अस्तियों के कारण शोचनीय स्थिति में पहुंच गई है। बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार एवं अराजकता चरम सीमा पर है। अच्छे दिन के भुलावे में बुरे दिन देखने पड़ रहे हैं।
जब तक राजनीति से हटकर देश की जनता के कल्याण के विषय में मनन नहीं किया जाएगा तब तक स्थिति में सुधार की संभावना नहीं है।
धन्यवाद !
सत्य कथन प्रियबर आभार सस्नेह !