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आदरणीय महानुभाव जी को सादर प्रणाम। मानवजन में स्थिरता का अभाव है संभवतः इसीलिए वे इन ठगो के जाल में फंस जाते हैं, और एक अवधि के बाद पछतातें हैं।
अज्ञान ,अंधविश्वास, रूढ़िवादिता, धर्मांधता एवं समूह मानसिकता से प्रभावित भेड़ चाल , लालच एवं स्वार्थ सिद्धि इसके कारक है। जब तक इन तत्वों के विरुद्ध जनजागृति उत्पन्न नहीं की जाएगी तब तक जन मानसिकता में परिवर्तन की संभावना नहीं है। धन्यवाद !
आदरणीय महानुभाव जी को सादर प्रणाम। मानवजन में स्थिरता का अभाव है संभवतः इसीलिए वे इन ठगो के जाल में फंस जाते हैं, और एक अवधि के बाद पछतातें हैं।
अज्ञान ,अंधविश्वास, रूढ़िवादिता, धर्मांधता एवं समूह मानसिकता से प्रभावित भेड़ चाल , लालच एवं स्वार्थ सिद्धि इसके कारक है। जब तक इन तत्वों के विरुद्ध जनजागृति उत्पन्न नहीं की जाएगी तब तक जन मानसिकता
में परिवर्तन की संभावना नहीं है।
धन्यवाद !