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मख़्लूक़ जिसे मुज्जसम जाना , वो फ़क़त वक्त का साया निकला। श़ुक्रिया !
जी बहुत खूब!आदरणीय सादर धन्यवाद आपका 🙏🏻
मख़्लूक़ जिसे मुज्जसम जाना ,
वो फ़क़त वक्त का साया निकला।
श़ुक्रिया !
जी बहुत खूब!आदरणीय सादर धन्यवाद आपका 🙏🏻