Comments (6)
13 Dec 2021 07:32 PM
Very nice
पुरी जिन्दगी इन्सान की यू ही निकल जाती है लेकिन समझ कुछ नही आता है
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
13 Dec 2021 09:41 PM
जी धन्यवाद
13 Dec 2021 04:32 PM
बहुत ही उम्दा। आपका लिखने कोई जवाब नही।माशाअललाह क्या अल्फ़ाज़ है।
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
13 Dec 2021 05:11 PM
शुक्रिया
रहस्यमयी
धन्यवाद जी