Comments (4)
3 Dec 2021 04:48 AM
मैं जैसा हूं जहां हूं वहीं रहने दो ,
मुझे खास ना बनाओ आम रहने दो ,
धन्यवाद !
प्रवीण माटी
Author
3 Dec 2021 11:57 AM
सादर
बहुत सुंदर , मनुष्य का जीवन दर्शन । धन्यवाद आपका जी
सादर