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24 Nov 2021 11:25 PM

लत कोई भी अच्छी नहीं होती ! ख़ासकर शराब की लत तो बिल्कुल ही अच्छी नहीं ! इसकी लत अगर लग गई तो मानो सब कुछ आपसे दूर चली गई ! घर-परिवार भी, नौकरी भी, इंसानियत भी और यहां तक कि अपना बहुमूल्य स्वास्थ्य भी !! बेशक, मादक पदार्थो के सेवन से खुद को अलग रखें तो बेहतर होगा ! बेहतर संदेश दिया है अपनी इस लेख ( संस्मरण ) के माध्यम से आपने ! जो भी हो आपकी इस खूबसूरत लेखनी में आपकी परोपकार और परस्पर सहयोग की नेक भावनाएं स्पष्टत: दिखाई पड़ रही हैं ! ऐसी भावनाएं किसी भी चरित्र के व्यक्तित्व में चार चांद लगाने में सक्षम है ! बहुत शुक्रिया !!

25 Nov 2021 07:37 AM

Thanks a lot sir.

शराब की लत वाला जो खुद को भूल जाता है,
अपनों की फिक्र क्यूँ कर करेगा। शराब को पहले वह पीता है फिर शराब उसको पीती है।
शराब के नशे में वह जघन्य अपराध करने से भी चूकता नहीं है। शराब उसको मानसिक गुलाम बना देती है और उसका विवेक नष्ट कर देती है। देश में वोट बैंक के चलते राजनीति में शराब के माध्यम से वोट खरीदे जाते हैं सरकार की राजस्व नीति में शराब का बहुत महत्व है। इसलिए राज्य सरकार है एवं केंद्र शराबबंदी पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेकर इस विषय में चुप्पी साधे हुए हैं और देश के गरीब मेहनतकश तबके को अंधकार के गर्त में डाल रहे हैं। आए दिन जहरीली शराब से होने वाली मौतों के मामले सामने आते हैं परंतु कोई ठोस कदम उठाने के अभाव में शराब माफिया राजनीतिक संरक्षण में फल फूल रहा है ।।यह देश का दुर्भाग्य है , जब तक राजनीतिक चरित्र सही नहीं होगा तब तक कोई अपेक्षा करना संभव ना हो सकेगा। हमारे देश की त्रासदी यह है कि हम किसी भी आंदोलन को हमेशा राजनीतिक रंग दे देते हैं। मानवीय भावनाओं से युक्त जन कल्याणकारी आंदोलनों का कोई महत्व नहीं रह गया है।
आंदोलनों में राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति एक परम लक्ष्य बनकर रह गया है।
धन्यवाद !

24 Nov 2021 08:13 PM

प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत-बहुत आभार श्रीमानजी!
आपने अपनी पंक्तियों में यथार्तता को प्रस्तुत किया है। ये एक ऐसा मुद्दा है जिस पर लोग जानबूझकर अनजान बनते हैं, इसके नुकसानों से वाकिफ होते हुए भी इसे प्रयोग में लाते हैं। आप जैसे जागरूक और समझदार लोगों की हमारे समाज और देश को जरूरत है ताकि हम एक खुशनुमा आज और बेहतर कल का निर्माण कर सकें।
सादर धन्यवाद!

धन्यवाद !

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