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Comments (6)

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राधामय बनी ढूंढू कान्हा, काया वही जो छोड गये,
जीना भी तुम मरना भी तुम, हो कहां क्यो चले गये?
अंतराल के बाद मर्मस्पर्शी रचना liked

धन्यवाद जी

21 Nov 2021 06:35 PM

बहुत सुंदर रचना

धन्यवाद जी

21 Nov 2021 04:02 PM

बहुत सुंदर अनु धन्यवाद आपका जी

धन्यवाद जी

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