Comments (6)
21 Nov 2021 06:35 PM
बहुत सुंदर रचना
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
21 Nov 2021 07:05 PM
धन्यवाद जी
21 Nov 2021 04:02 PM
बहुत सुंदर अनु धन्यवाद आपका जी
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
21 Nov 2021 04:41 PM
धन्यवाद जी
राधामय बनी ढूंढू कान्हा, काया वही जो छोड गये,
जीना भी तुम मरना भी तुम, हो कहां क्यो चले गये?
अंतराल के बाद मर्मस्पर्शी रचना liked
धन्यवाद जी