Comments (4)
21 Nov 2021 07:36 AM
This reminds me of these lines by Khumar Barabankwi:
सुकूं ही सुकूं है खुशी ही खुशी है…
तेरा ग़म सलामत मुझे क्या कमी है।
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
Author
21 Nov 2021 08:17 AM
❤️?
बेहतरीन बहुत ही उम्दा अल्फाज़ो को पिरोया आपने।बहुत खूब
शुक्रिया ??