Comments (6)
18 Nov 2021 05:01 PM
बहुत सुंदर ललिता जी धन्यवाद आपका जी
Lalita Kashyap
Author
18 Nov 2021 07:22 PM
सादर आभार आदरणीय जी
18 Nov 2021 04:33 PM
मर्मस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति
Lalita Kashyap
Author
18 Nov 2021 07:21 PM
सादर आभार आदरणीय जी
बागों में बहार “”आई”” के स्थान पर “है” करे तो ठीक रहेगा। शेष सुंदर घनाक्षरी।।
आदरणीय जी नमस्कार। आपने बहुत अच्छा सुझाव दिया। रचना की एकसारिता के लिए आपका सुझाव उचित है।