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Dear Smrit Singh you have not posted any post pl write n post

स्मृति जी, मौजूदा परिवेश मे महिलाओं की सोंच एवं उनके प्रति पुरूषों का नजरिया बदल चुका है। कृपया हो सके तो मेरी कविता ‘यारों की वार्ता’ पढिए।

27 Oct 2021 07:54 PM

Ji jarur

23 Oct 2021 04:41 AM

वाह… स्मृति जी ! बड़ी बेबाकी से अपनी बातें रखी है आपने ! पर्दे के पीछे जो भी हो वो आए सामने ! आप तनिक चिंता न करें… आपके साथ ही है ये सारे ज़माने ! एक सशक्त नारी हैं आप, स्वतंत्र हैं अपनी मर्ज़ी से जीने के ! धन्यवाद ! इसी तरह अपने अस्तित्व को चट्टान की भांति अडिग रखते हुए लिखते रहें… लेखनी से चमत्कार करते रहें ! बेईमान प्रवृत्ति के लोगों की
गंदी सोच का इलाज करते रहें…. शुभकामना….??

23 Oct 2021 10:05 AM

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