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बहुत सुंदर परिमल साहब जी।कवि कल्पना की शक्ति से परे होता है। आपने बहुत सुंदर अभिव्यक्ति की है। बहुत सुंदर धन्यवाद आपका जी
यह मेरा सौभाग्य आभार सस्नेह !
बहुत सुंदर परिमल साहब जी।कवि कल्पना की शक्ति से परे होता है। आपने बहुत सुंदर अभिव्यक्ति की है। बहुत सुंदर धन्यवाद आपका जी
यह मेरा सौभाग्य आभार सस्नेह !