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Comments (8)

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1 Dec 2021 03:09 PM

बहुत ही खूबसूरत कहा आपने।

8 Dec 2021 07:53 AM

Thanks

9 Sep 2021 07:23 PM

ग़ज़ब ! ??

8 Dec 2021 07:53 AM

Thanks

ख़यालों के बादल रात भर मंडराते रहे, नींद उड़ गई ; ख्व़ाब जाते रहे , सब्र की इंतिहा हो गई , वक्त हाथों से फिसलता रहा हम उसे थामते रह गए , श़ुक्रिया !

9 Sep 2021 02:15 PM

Thanks sir

बहुत खूब

9 Sep 2021 02:15 PM

आपका आभार

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