Comments (8)
9 Sep 2021 07:23 PM
ग़ज़ब ! ??
Ray's Gupta
Author
8 Dec 2021 07:53 AM
Thanks
9 Sep 2021 01:16 PM
ख़यालों के बादल रात भर मंडराते रहे, नींद उड़ गई ; ख्व़ाब जाते रहे , सब्र की इंतिहा हो गई , वक्त हाथों से फिसलता रहा हम उसे थामते रह गए , श़ुक्रिया !
Ray's Gupta
Author
9 Sep 2021 02:15 PM
Thanks sir
9 Sep 2021 12:39 PM
बहुत खूब
Ray's Gupta
Author
9 Sep 2021 02:15 PM
आपका आभार
बहुत ही खूबसूरत कहा आपने।
Thanks