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6 Sep 2021 11:55 PM

?????बहुत खूबसूरत please मेरी रचनाओं को भी पढ़े और follow करे,

धन्यवाद जी

नज़्ज़ारा -ए -जमाल से जन्नत है ज़िंदगी ,
वो रू-ब-रू नही तो क़ियामत है ज़िंदगी ,
हरचंद एक ज़िंदा हकीकत है ज़िंदगी ,
लेकिन बस इक निगाह की क़ीमत है ज़िंदगी ,
श़ुक्रिया !

धन्यवाद जी

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