Comments (3)
30 Aug 2021 01:51 PM
?????
Nitika Trivedi
Author
30 Aug 2021 05:21 PM
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मानवीय संवेदना का परित्याग कर, इंसानियत का गला घोंटकर, आए दिन किए जा रहे दरिंदगी के खिलाफ चेतावनी भरे लहजे में आवाज़ बुलंद करती हुई, संबंधित हर पहलू को समेटती हुई सृजन की गई रचना ! ऐसी घटनाएं समय समय पर अक्सर दुहराई जाती हैं। बस, किरदार बदल जाते हैं, कहानी तो वही पुरानी वाली रहती है। रचना में किरदार से जुड़े परिवेश की सुंदर तस्वीर खींचने की भरपूर कोशिश की गई है जिससे सबक लेकर समाज में कुछ हद तक जागरूकता लाई जा सकती है और घटनाओं पर लगाम लगाया जा सकता है। कवयित्री तारीफ़ की हकदार हैं। बहुत बहुत शुक्रिया इतनी भावपूर्ण, प्रभावशाली व सामाजिक चेतना लाने में सक्षम बेहतरीन प्रस्तुति के लिए !! ???